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Diabetes में Intermittent Fasting : फायदे , नुक्सान और सावधानियाँ

परिचय 

डायबिटीज को कण्ट्रोल करने क लिए लोग अलग अलग प्रकार के डाइट प्लान उपाय और लाइफस्टाइल अपनाते हैं।आज कल एक उपाय बहित ही चर्चा में है - इंटरमिटेंट फास्टिंग (INTERMITTENT FASTING )

क्या ये diabetes के मरीजों के लिए लाभदायक है ? इस ब्लॉग में हम जानेंगे intermittent fasting के फायदे, नुकसान और कुछ सावधानिया ।


क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग ?

इंटरमिटेंट फास्टिंग नार्मल फास्टिंग नहीं बल्कि एक ऐसी फास्टिंग है या ईटिंग प्लान है,जिसमें  निश्चित समय के लिए उपवास किया जाता है और निश्चित समय के लिए ही भोजन खाया जाता है ।


इंटरमीटेंट फास्टिंग के कुछ लोकप्रिय तरिके 

  1. Intermittent फास्टिंग करने से पहले doctor की राये लेना जरूरी है । 
  2. 16:8 पद्धति: 16 घंटे उपवास और 8 घंटे भोजन (जैसे दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक खाना ) 
  3. 5:2 पद्धति: हफ्ते में 5 दिन सामान्य भोजन और 2 दिन बहुत कम कैलोरी लेना।
  4. OMAD (one meal one day) पूरे दिन में बस एक बार भोजन करना।


Intermittent fasting Diabetes में कैसे असरदर होता है ?

एक रिसर्च में पता चलता है की इंटरमिटेंट फास्टिंग का आदि होने में दो से चार सप्ताह लग सकतें हैं । फास्टिंग के दौरान इन्सुलिन बेहतर तरीके से उपयोग होने लगता है , ब्लड शुगर निंयत्रित रखता है और वजन घटाने में मदद करता है ।


Intermittent Fasting के फायदे 

1. ब्लड शुगर नियंत्रण में मदद: नियमित उपवास से शुगर लेवल स्थिर रह सकता है।

2. इंसुलिन रेसिस्टेंस में सुधार: जिससे डायबिटीज़ की प्रगति धीमी हो सकती है।

3. वज़न में कमी: जो टाइप-2 डायबिटीज़ में एक मुख्य कारण है।

4. पाचन तंत्र को आराम: भोजन सीमित समय पर लेने से शरीर को बेहतर काम करने का समय मिलता है।


फास्टिंग क संभावित जोखिम

हाइपोग्लाइसीमिया (शुगर लौ होना): ये ज्यादातर उन लोगो में होता है जो इन्सुलिन या शुगर काम करने की दवाईयां लेते हैं ।


ऊर्जा की कमी और चक्कर : लम्बे उपवास के कारन शरीर में करजोरी महसूस हो सकती है ।


गलत समय पर दवा लेना : intermittent fasting के समय दवा लेने का टाइम बदल सकता है, जो कि नुकसानदायक हो सकता है ।


फास्टिंग के समय सावधानियाँ 

1. इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या डायबेटोलॉजिस्ट से सलाह ज़रूर लें।

2. शुरुआत में 12-14 घंटे का उपवास रखें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं।

3. उपवास के दौरान पानी, नींबू पानी, नारियल पानी जैसे तरल लेते रहें।

4. अगर कमजोरी, चक्कर या पसीना आए तो फास्ट तुरंत तोड़ें।


Intermittent fasting के दौरान क्या खाएं ?

  1. फास्टिंग के दौरान काफी और ग्रीन टी जैसे जीरो कैलोरी जैसे पदार्थों की अनुमति होती है 
  2. हरी सब्जियों का सेवन 
  3. ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम ,काजू और अखरोट (थोड़ी मात्रा में)
  4. ओट्स , दलीय और हरी सब्जियाँ 
  5. उबला अंडा एक या दो 
  6. स्नैक्स के तौर पर मखाने और भुने चने 

मीठा , तला हुआ ,प्रोसेस्ड फ़ूड और बाहरी खाने से बचें।


निश्कर्ष 

ध्यान रखें कि इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग का अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग असर हो सकता है। अगर इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग शुरू करने के बाद आपको असामान्य बेचैनी, सिरदर्द, मतली या अन्य लक्षण महसूस होने लगें, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

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