
HbA1c टेस्ट क्या है और इसकी नॉर्मल वैल्यू कितनी होती है?
HbA1c (ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन) टेस्ट आपके पिछले 2–3 महीनों के औसत ब्लड शुगर लेवल को मापता है। यह डायबिटीज़ के निदान और लंबे समय के नियंत्रण का सबसे विश्वसनीय पैमानہ माना जाता है।
1. HbA1c टेस्ट की परिभाषा
जब रक्त में ग्लूकोज लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन से जुड़ता है, तो स्थायी रूप में HbA1c बनता है। यह अंश आपके रक्त में ग्लूकोज के औसत स्तर को दर्शाता है क्योंकि लाल रक्त कोशिकाओं की आयु लगभग 120 दिन होती है।
2. टेस्ट कैसे किया जाता है?
- कोई फास्टिंग आवश्यक नहीं।
- EDTA ट्यूब में रक्त का सैंपल लिया जाता है।
- विशेष प्रयोगशाला उपकरणों द्वारा % में परिणाम दिया जाता है।
3. HbA1c नॉर्मल वैल्यू (रेंज)
- नॉन‑डायबिटिक: <5.6% या कम
- प्री‑डायबिटिक: 5.7%–6.4%
- डायबिटिक: ≥6.5%
ये मानक विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देशों पर आधारित हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि HbA1c परिणाम सटीक और तुलनीय हों। [oai_citation:0‡Labpedia.net](https://labpedia.net/hb-a-1-c-glycosylated-hemoglobin-glycated-hemoglobin-diabetic-control/)
4. HbA1c टेस्ट के लाभ
- फास्टिंग की जरूरत नहीं।
- स्टेबिलिटी: शॉर्ट‑टर्म उतार‑चढ़ाव (खाना, व्यायाम) से अप्रभावित।
- निदान व उपचार पर नजर: पिछले महीनों का औसत दिखाता है।
5. कब और क्यों आवश्यक है?
डायबिटिक मरीजों के लिए हर 3–6 महीने पर HbA1c टेस्ट की सलाह दी जाती है, ताकि यह पता चले कि उपचार योजना प्रभावी है या नहीं।
6. निष्कर्ष
HbA1c टेस्ट डायबिटीज़ नियंत्रण का गोल्ड स्टैंडर्ड है। इसका नियमित परीक्षण आपके डॉक्टर को आपके मधुमेह प्रबंधन को अनुकूलित करने में मदद करता है, जिससे दीर्घकालिक जटिलताओं का जोखिम कम होता है।
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