डायबिटिक पैर की देखभाल कैसे करें? | Diabetic Foot Care Tips in Hindi
डायबिटीज़ सिर्फ एक बीमारी नहीं है, ये एक जीवनशैली से जुड़ी चुनौती है। और इस चुनौती का सबसे खामोश और खतरनाक असर हमारे पैरों पर होता है। डायबिटिक फुट एक ऐसी स्थिति है जिसे यदि समय रहते नजरअंदाज किया गया, तो यह जीवनभर की विकलांगता या अंग कटने तक की नौबत ला सकती है।
डायबिटिक फुट क्या होता है?
जब शरीर में लंबे समय तक ब्लड शुगर नियंत्रित न रहे, तो इसका असर तंत्रिकाओं और रक्त परिसंचरण पर पड़ता है। इससे पैरों में संज्ञाशून्यता, झुनझुनाहट, और संवेदनशीलता में कमी आ जाती है। यही कारण है कि मामूली घाव भी गंभीर बन जाते हैं।
डायबिटिक पैर की समस्याएं
- पैरों में सुन्नपन और झुनझुनाहट
- छोटे घाव जो लंबे समय तक न भरें
- फफोले, दरारें या फंगल संक्रमण
- त्वचा का काला पड़ना (gangrene)
- अत्यधिक मामलों में पैर या अंगूठा काटना (amputation)
पैरों की देखभाल के लिए जरूरी दैनिक आदतें
- रोजाना निरीक्षण करें: पैरों में किसी भी बदलाव या घाव की जांच करें।
- साफ और सूखा रखें: गुनगुने पानी से धोकर नमी से बचाएं।
- मॉइश्चराइज़ करें: एड़ियों और तलवों पर लोशन लगाएं।
- साफ मोज़े और आरामदायक जूते पहनें: हर दिन बदलें, सूती मोज़े बेहतर होते हैं।
- नंगे पाँव न चलें: चाहे घर हो या बाहर, हमेशा चप्पल या सैंडल पहनें।
घरेलू उपाय जो पैरों की सेहत में मदद करें
- नीम का तेल: एंटीबैक्टीरियल गुण के कारण संक्रमण से बचाता है।
- गुनगुना पानी + नमक: पैरों की सूजन कम करने में सहायक।
- एलोवेरा जेल: फटी एड़ियों को नमी देता है और सूजन कम करता है।
- हल्दी पेस्ट: घाव पर लगाने से संक्रमण और सूजन में राहत मिलती है।
डायबिटिक पैरों के लिए लाभकारी योग
योग शरीर को अंदर से संतुलित करता है। कुछ विशेष आसन पैरों के रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं:
- वज्रासन – भोजन के बाद करें, पाचन और पैरों में ब्लड फ्लो ठीक करता है।
- पद्मासन – मेडिटेशन के साथ पैरों की नसों को उत्तेजित करता है।
- ताड़ासन – पूरे शरीर में संतुलन बनाता है और तंतु उत्तेजित करता है।
- पैरों की स्ट्रेचिंग: सुबह-शाम 5 मिनट तक टखनों और उंगलियों की स्ट्रेचिंग करें।
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
अगर आपको नीचे दिए लक्षण दिखें तो तुरंत पॉडियाट्रिस्ट या डॉक्टर से मिलें:
- पैरों में तीव्र दर्द या जलन
- पैर का रंग नीला या काला पड़ना
- घाव जो 3–4 दिन में भी न सूखे
- पैरों से बदबू आना या मवाद निकलना
डायबिटिक फुट से जुड़ी FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: क्या डायबिटिक मरीजों को रोज पैरों की सफाई करनी चाहिए?
हां! रोज पैरों की सफाई करना अनिवार्य है। इससे संक्रमण का खतरा कम होता है।
Q2: क्या डायबिटीज़ में पेडिक्योर करवा सकते हैं?
पेडिक्योर बहुत सावधानी से करें और नाखून काटते वक्त कटने से बचें। बेहतर है कि प्रशिक्षित व्यक्ति से करवाएं।
Q3: क्या गर्म पानी से पैर धोना सही है?
नहीं, गर्म पानी से बचना चाहिए क्योंकि त्वचा की संवेदनशीलता कम होती है और जलने का खतरा होता है।
डायबिटिक पैर से बचने के लिए 5 सुनहरे नियम
- ब्लड शुगर हमेशा नियंत्रण में रखें
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें
- पैरों की त्वचा में कट या घाव से बचें
- हर 6 महीने में फुट डॉक्टर से जांच कराएं
- योग और हल्का व्यायाम रोज़ करें
निष्कर्ष
डायबिटिक पैर की देखभाल करना एक विकल्प नहीं, जरूरी जिम्मेदारी है। एक छोटी सी अनदेखी भी बड़ा परिणाम ला सकती है। अपने पैरों को रोज देखिए, समझिए, और उनकी रक्षा कीजिए – क्योंकि स्वस्थ पैर ही स्वतंत्र जीवन की पहचान हैं।
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